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नींद ) नींद एक प्रकार अनेक

(नींद ) नींद एक प्रकार अनेक  एक नींद थकान वाली, एक नींद दवाई वाली,                           एक नींद बेसुध वाली,                           एक नींद सपनो वाली, एक नींद जिम्मेदारी वाली, एक नींद चिंता वाली,                          एक नींद ख्वाबों वाली,                           एक नींद जवाबो वाली,  एक नींद बचपन वाली,  एक नींद जवानी वाली, एक नींद बुढ़ापे वाली,                         एक नींद खुले आँखों वाली,                         एक नींद बंद आँखों वाली, एक नींद अकेलेपन वाली, एक नींद कुटुंब संग वाली, जीते जी ले लो मजा हर नीद का क्या पता  कब आ जाए नींद आखिरी वाली 🙏     महेंद्र शांबिष...

बेरोजगार युवा उत्तराखण्ड 🤔

24 साल का युवा उत्तराखंड बेरोजगार घूम रहा है, बाहरी ताकत अंदर जाकर हुकूमत कर रहा है, और ये हमारा उत्तराखंड का परिवार पलायन पर पलायन कर रहा है, सत्ता का ठेकेदार भी यूँ बैठे बैठे सब कुछ देखे जा रहा है, कसूर युवा पीढ़ी का था या उन बुजुर्ग लोगों का जिनको रोजगार सिर्फ पहाड़ के बाहर दिख रहा है , कसूर शिक्षा प्रणाली का था या कसूर खेतो के काम का, जो बच्चों को बाहर पढ़ाई बहाने सपरिवार पलायन करना जरुरी हो रहा है ,कसूर माँ बाप का था,बेटी, बहन का या बहु, या बाहर मुश्किल से रोजगार कर रहा उस बेटे का जो बाप, भाई, बेटा, पति सब कुछ है, सारी सच्चाई पता होते हुए भी जो सपरिवार बाहर जाए जा रहा है, या कसूर बाप का था जो अपने सामने अपना पुस्तैनी मकान डहता देखे जा रहा है और सब कुछ कुछ देखते हुए भी कुछ बोल न पा रहा है, कसूर मेरे उन खेत खलियान का था जिसमे बचपन में हमने इतना काम किया की अब वो आराम करना चाह रहा है  और बंजर बनकर दूर से बुड्ढा बाप उसको निहार रहा है, इसलिए ही 24 साल का युवा उत्तराखंड बेरोजगार घूम रहा है | महेंद्र शांबिष्ट 🙏

अगर ऐसा हो जाए

समस्या से बढ़कर,शर्म हो जाए, विश्वाश से बढ़कर, भ्रम हो जाए, चापलूसी ज्यादा बढ़कर, कम कर्म हो जाए, गुस्सा नर्म से बढ़कर , गर्म हो जाए, सरकारी फर्म से बढ़कर ,प्राइवेट फर्म हो जाए, इंसानियत से बढ़कर ,धर्म हो जाए, रिस्तों में प्यार से बढ़कर, पैसा हो जाए, पत्रकार सच से बढ़कर,झूठ दिखाने लग जाए, लोकतंत्र होने से बढ़कर ,दिखावे का हो जाए, अगर ये सब हो जाए तो फिर क्या किया जाए, आम इंसान तो जीते जी मर जाए | महेंद्र सिंह बिष्ट 

(अतीत,भविष्य,वर्तमान 3 दोस्तों से बात )

अतीत से बातें =😊 अतीत बोला मेरे बाद कैसे हो रहे हैँ दिन व्यतीत और ताने देने लग गया की क्या हुआ अब क्यों मुझे याद कर रहा है, जब तेरे पास था तू तो बस उस बेवफा कल के बारे में ही सोचता था,बहुत कुछ सुनाया 😪 वर्तमान से बातें =😊 वो बेचारा खुद ही परेशान  हताश पता नहीं क्यों, पर ये भी कह रहा था भाई जीले मेरे साथ अच्छे से,मत रह उस बेवफा भविष्य के चक्कर में बहुत कुछ कहा उसने भी 😪 भविष्य से बातें 😊= भविष्य डरा डरा कर दिलासा दे रहा था की आजा मै सब सही कर दूंगा,  पलक झपकते ही एहसास हुआ भविष्य नाम का तो कोई दोस्त ही नहीं है मेरा ये तो बस खयाल था वापस मुड़कर देखा तो अतीत और वर्तमान काफ़ी पीछे जा चुके थे और मै बीच में फंस गया था अब समझ आया सही कहते थे अतीत और वर्तमान की भविष्य बेवफा है धोखा जरूर देगा, अगर अतीत और वर्तमान से तुम वफ़ा ना करोगे , साथ तब देगा भविष्य जब वर्तमान से वफ़ा करोगे 🙏 (महेंद्र बिष्ट 

क्या समझेंगे?

बातें न समझ पाए जो वो ख़ामोशी क्या समझगे,                       आँखों का रोना ना समझ पाए जो                       वो दिल का रोना क्या समझेंगे, भरी जेब में ना समझ पाए जो, वो खाली जेब में क्या समझेंगे                       अकेले में ना पहचान पाए जो                       वो भीड़ में क्या पहचान पाएंगे, पाँव में लगी चोट पर लंगड़ा कहने लगे जो वो पाँव टूट जाने पर पता नहीं क्या कहेँगे,                       बर्गर पिज़्ज़ा में ख़ुश नहीं जो                       वो नमक रोटी में क्या ख़ुश रहेंगे अपने माँ बाप को ना समझ सके जो वो दूसरों के माँ बाप को क्या समझेंगे                      खुद की औलाद को ना समझ सके जो     ...

खुद की बात खुद के साथ

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बड़ो के झगडे में बच्चों का नुकसान 🤔

अक्सर बड़ों के झगड़ों में बच्चों का हो जाता है नुकसान तरस /वंचित रह जाते हैं अपनों के प्यार से कोई माँ के प्यार से  कोई बाप के प्यार से,                       कोई दादा दादी के प्यार से                         कोई नाना नानी के प्यार से, कोई मामा मामी के प्यार से  कोई चाचा चाची के प्यार से,                        कोई चचेरे भाई बहन के प्यार से                         कोई पडोसी भाई बहन के प्यार से, हर कोई रह जाता है किसी ना किसी के प्यार से सिर्फ बड़ों के आपसी मनमुटाव से,                 जब बच्चा खुद बड़ा हो जायेगा बचपन से                 तब जान पायेगा की वंचित रहा वो किस किस के प्यार से दिल में उसके भी खटकते रहेंगे वो लोग बचपन से गलती किसकी थी कोई समझ ना पाया बचपन ...