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खुद का शरीर सर्वप्रथम बाकि द्वितीय 🙏

मजबूत शरीर  होते हुए भी  नाराज हो जिंदगी से की कुछ नहीं है मेरे पास 👎  👎 तो 7 दिन ये काम करके देखो  पहले दिन = प्रण लो की दोनों आँखों पर पट्टी बंदकर रहोगे पुरे दिन रात तक आपको एहसाश हो जायेगा की आपके पास क्या है  दूसरे दिन = प्रण लो की दोनों या एक हाथ को भी पीछे बाँध कर काम करोगे 🤔 तीसरे दिन = दोनों कान में रुई डाल दो पुरे दिन के लिए, चौथे दिन = एक पैर से चलो पुरे दिन बैशाखी लेकर 🤔 पांचवा दिन = दोनों पैर की जगह बैशाखी से चलो  छठे दिन =बिना उंगलियों के काम करो पुरे दिन  और 6 दिन ये कर के समझ गए की आपके पास सब कुछ है  तो आपको 7वें की दिन जरुरत ही नहीं पड़ेगी आजमाने के लिए 😊  कुछ पंक्ति और  की 👎 कर पहचान अपनी खुद से, तेरा शरीर एक पूरी दुनिया है, हिफाजत कर उसको यूँ छोटी सी  पल भर की चिंता में  दफ़न ना कंप्यूर से भी तेज इस दिमाग़ को, मुस्किले आएंगी जाएंगी पर एक बार शरीर गया तो  कुछ वापस ना आएगा ना तू ना तेरे अपने  कहेँगे सारे तुझे ही की जो खुद का ना हुआ  वो हमारा क्या होता 🫣 इसलिए कर पहचान खुद से खुद की  तेरे...

हर कोई रो रहा है?

कोई रो रहा औलाद के लिए कोई रो रहा माँ बाप के लिए                 कोई रो रहा रिश्तों के लिए                 कोई रो रहा किस्तों के लिए कोई रो रहा कैश के लिए कोई रो रहा टैक्स के लिए                   कोई रो रहा खाने के लिए                 कोई रो रहा पचाने के लिए कोई रो रहा सत्ता के लिए कोई रो रहा भत्ता के लिए                कोई रो रहा कमाने के लिए                कोई रो रहा गवाने के लिए    कोई रो रहा मसाले के लिए   कोई रो रहा मीठे के लिए                    कोई रो रहा हित के लिए                   कोई रो रहा परिचित के लिए  कोई रो रहा आरक्षण के लिए कोई रो रहा शिक्षण के लिए                कोई रो र...