घर और मन की बात
अपने घर और मन की बात साझा ना करना दूसरे जन के साथ, सुनेंगे लोग बेमन के साथ और औरों को बताएँगे fun के साथ इसलिए अपने घर और मन की बात, रखना सिर्फ अपने तन के साथ, सहनी पड़े चाहे चुभन के साथ | (महेंद्र शांबिष्ट )