बेटे की दिल बात विवाह के बाद 😊
बेटा बहुत अच्छा था ,
माँ बाप कि आँखों में बसता था,
मैं भाई बहुत अच्छा था, बहनो कि नजर में नजराना था
तो भाई के लिए फरिस्ता था,
जैसे ही एक अच्छा पति बनने कि कोशिस कि
पता नहीं क्यों मैं सब रिश्तों में सबसे ख़राब हो गया,
जैसे जूस के बीच शराब हो गया,
शाकाहारी भोज के बीच कबाब हो गया,
हर किसी को ख़ुश करने का मेरे ऊपर दवाब हो गया,
हर तरह के लांछन का मेरी तरफ बहाव हो गया,
अंदुरनी चोटों से मेरे दिल पर बहुत बड़ा घाव हो गया,
बिन कस्ती कि मैं नाव हो गया,
खुशियाँ का जिंदगी से ठहराव हो गया,
ऐसा एक जिंदगी का पड़ाव हो गया
कीमत मेरी रद्दी के भाव हो गया,
बदलते रिश्तों के स्वभाव में मैं हर किसी के सवाल का जवाब हो गया |
ज्यादा क्या लिखू बस अब तो ये एहसास हो गया
कि मेरा सब किया कराया बकवास हो गया
( महेंद्र शानबिष्ट )
Very Good
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