मृत्यु के बाद की चिट्टी अपनों के नाम

मेरे मृत शरीर पर रोने वालों ये तो बता दो
कब मुझ से हंस कर बात की थी,
कब मुझ से बेमतलब बात की थी,
कब मेरी ख़ुशी में शामिल, मेरे दुख में साथ थे,
मृत मेरा शरीर है आत्मा तो जिन्दा है
मै सुन लूंगा अब तो बता दो 🙏
की कब मुझे नीचा दिखाने की कोशिस नहीं की थी,
कब मुझे पराया सा महसूस नहीं करवाया था,
जेब खाली मेरी थी मुझ से पहले तुम्हे कैसे पता चल जाता था
और तुम्हारा मेरे प्रति व्यबहार बदल जाता था
कब तुमने मुझे अपना भाई, बेटा, बाप,पडोसी, अन्य जो भी रिश्ता था वो माना था,
आज क्यों रो रहे हो, क्यों दुनिया को झूठा प्यार दिखा रहे हो,
मृत शरीर ही तो है उठाओ और जला डालो कहानी ख़त्म.
पर याद रखना मै तो चला गया,
पर अगर सच में किसी के जाने से रोना आता है और दुख होता है तो जीते जी किसी का दिल मत दुखाना जीते जी दुख दुख में साथ देना,
रिश्ते निभाने हैं तो जीते जी निभाओ वरना मरने पर तो अजनबी भी दुखी  😪मन  से हाथ 🙏जोड़ लेता है अर्थी के  सामने|
                                                        (महेन्द्र सिंह बिष्ट )

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