गुरु से ही शरू 🙏

                    

।                  
गुरु से ही शुरु
गुरु से ही खत्म
                    गुरु से ही ज्ञान
                     गुरु से ही मान
गुरु बिन जिंदगी बिन पानी की गागर
गुरु साथ तो मन में ज्ञान का सागर
              गुरु कुल, विद्यालय घर हो यार दफ़्तर
              सिखाया किसी ने भी कुछ अच्छा
             वही जिंदगी का गुरु सच्चा
कर लो गुरु का मान सम्मान
गुरु का दूसरा रूप है स्वयं भगवान
                गुरु की आज्ञा का पालन करके बने है बड़े बड़े सुरमा
               जल्दी से अपर गुरु थे भेजा किले पोड्या छी सोच मा |
○                               (महेन्द्र सिंह बिष्ट)

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