आधुनिक युग की आम जिंदगी



आधुनिक युग की आम जिंदगी
रिक्शा ऑटो 🛺 मेट्रो🚇 बस 🚎और मोबाइल 📲
ये चीज जिंदगी के पहिये हो गए हैं
रिक्शे की तरह गली गली से धके खाकर
मैंन रोड पर बस जैसे जाम में फंस गया हूँ,
मेट्रो की तरह बिना आराम किये वही से
 वापस दूसरे काम पर जा रहा हूँ
Mobile की तरह हर चीज को पसंद हो या
 नापसंद स्टोर कर रहा हूँ,
जहां मिले मौका खुद को थोड़ा चार्ज भी कर रहा हूं 😪
दुखी मन में थोड़ा हौसला भर रहा हूं,
रोज जीने की एक नयी उम्मीद लेकर फिर से कमाने जा रहा हूं
खुद को तो भूल गया हूं पर परिवार के लिए कुछ करना है 
इसी उम्मीद में जिए जा रहा हूं 🫣😪
मै परेशान  हर दिन को  मोबइल रिक्शे से शुरू और मोबाइल रिक्शे पर ही ख़त्म कर रहा हूं 🙏     (महेंद्र बिष्ट )

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