हर कोई रो रहा है?
कोई रो रहा औलाद के लिए
कोई रो रहा माँ बाप के लिए
कोई रो रहा रिश्तों के लिए
कोई रो रहा किस्तों के लिए
कोई रो रहा कैश के लिए
कोई रो रहा टैक्स के लिए
कोई रो रहा खाने के लिए
कोई रो रहा पचाने के लिए
कोई रो रहा सत्ता के लिए
कोई रो रहा भत्ता के लिए
कोई रो रहा कमाने के लिए
कोई रो रहा गवाने के लिए
कोई रो रहा मसाले के लिए
कोई रो रहा मीठे के लिए
कोई रो रहा हित के लिए
कोई रो रहा परिचित के लिए
कोई रो रहा आरक्षण के लिए
कोई रो रहा शिक्षण के लिए
कोई रो रहा एकांत के लिए
कोई रो रहा भीड़ के लिए
कोई रो रहा अपनों के लिए
कोई रो रहा सपनों के लिए
हर कोई रो रहा किसी ना किसी के लिए,
हँसे जो कोई बेवजह उसको
लोग पागल करार दे देते हैं
उसको खुद की तस्सली के लिए,
ईश्वर को कर दो जीवन समर्पित खुद की भलाई के लिए,
ये रोना धोना बंद हो जायेगा हमेशा के लिए 🙏 (महेंद्र बिष्ट )
Mast
ReplyDeleteThanku
Deletesahi pakde
ReplyDelete😊
DeleteWaaaaaahhhhh waaaaaaahhhhhh
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteThanku 😊
DeleteSo nice
ReplyDeleteJabardast.. gajab..saandar
ReplyDeleteNice 🙂
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteWaoo
ReplyDeleteAti sunder
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteWaoo superb
ReplyDelete😘
ReplyDeleteSo nice
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